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तीन पीढ़ियों से हिंदू परिवार मना रहा मोहर्रम का पर्व

तीन पीढ़ियों से हिंदू परिवार मना रहा मोहर्रम का पर्व

हिंदू मुस्लिम एकता की एकता की मिसाल बना पर्व

लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा (विजयसिंह ठाकुर)। पूरे विश्व भर में मोहर्रम का पर्व पैगम्बरे इस्लाम के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है। मुस्लिम वर्ग बड़े अकीदे के साथ इस पर्व को मनाते हैं। हरदा जिले में भी मोहर्रम का पर्व सिर्फ मुस्लिम वर्ग ही नही बल्कि हिंदू परिवार भी करीब 150 वर्षो मनाते आ रहा हैं। मोहर्रम का पर्व हिंदू मुस्लिम भाईचारे की एक अदभुत मिसाल है। यहां मोहर्रम का पर्व हिंदू परिवार अपनी 3 पीढ़ियों से मनाते आ रहा है। बाबा बसंत कुमार वैध और उनका परिवार अपनी तीन पीढ़ियों से मोहर्रम पर्व पर अपने घर पर सवारी बैठाते आ रहे है। 


दर्जी वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध बसंत कुमार वैध ने बताया कि उन्हें ये उपाधि उनके पुवर्जो द्वारा विरासत में मिली है, क्यों की उनके दादा फिर उनके पिताजी हर वर्ष मोहर्रम पर्व पर अपने घर पर सवारी का आयोजन किया करते थे और अब वे खुद इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपने पूर्वजों की याद ताजा करते है। शहर भर में दर्जी वाले बाबा की सवारी की बड़ी चर्चा होती है। शहर भर में बाबा अपने अकीदतमंदों के साथ ताजियों और दरगाह की जियारत पर निकलते है। दूर दूर से बाबा की सवारी में शामिल होने बाबा के अनुयाई पहुंचते हैं। पिछले 2 वर्षो से मोहर्रम का पर्व कोरोना के कारण शांति पूर्वक तरीके से मनाया जा रहा। जिसके चलते बाबा भी सारे आयोजन अपने घर पर ही कर अपनी अकीदत पेश कर रहे है। 

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