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जिंदा किसान पिता को मृत घोषित करने से परेशान पुत्र ने मुख्यमंत्री की सभा में किया जमकर हंगामा, आत्महत्या की दी चेतावनी

जिंदा किसान पिता को मृत घोषित करने से परेशान पुत्र ने मुख्यमंत्री की सभा में किया जमकर हंगामा, आत्महत्या की दी चेतावनी

लोकमतचक्र.कॉम।


बैतूल- आज बैतूल जिला मुख्यालय में आयोजित हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फसल बीमा राशि वितरण कार्यक्रम में एक किसान पुत्र ने उसके जिंदा पिता को मृत घोषित करने पर जमकर हंगामा मचाया। उसने आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी। किसान पुत्र के इस हंगामे से वहाँ मवजूद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने जैसे तैसे बमुश्किल काबू में किया। जिस वक्त यह हंगामा चल रहा था, उस वक्त खुद सीएम सम्बोधित कर रहे थे। 

जानकारी के अनुसार उक्त युवक ग्रामीण ताईखेड़ा का रहने वाला है। वीडियो में वह अपना नाम विजय धाकड़ और साथ आए पिता का नाम तिलकचंद धाकड़ बता रहा है । वह अपने पिता को जीवित रहते ही मृत घोषित किये जाने और तमाम जगह गुहार लगाने पर भी सुनवाई नहीं होने की बात कर रहा था । युवक का कहना है कि उसका पिता जिंदा है ओर कागजों में उसे मृत घोषित कर दिया गया है इसके कारण वह परेशान है। तमाम आलाधिकारियों को कागज देने ओर गुहार लगाने के बावजूद उसके पिता को जिंदा घोषित नहीं किया जा रहा है। उसने दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही की बात करते हुए कहा कि यदि उसकी सुनवाई नहीं होगी तो वह अभी सभा में आत्महत्या कर लेगा। युवक विजय मुख्यमंत्री से मिलने और नहीं मिलवाने पर वहीं आत्महत्या करने की बात कह रहा है। हंगामा होते देख अधिकारी वहां पहुंचे और समझाइश देकर उसे बमुश्किल मनाया। बताते हैं कि उसे कोतवाली थाना ले जाया गया है। खुद SP सिमाला प्रसाद को सामने आकर हंगामा शांत कराना पड़ा।

यह है पूरा मामला

70 साल के तिलकचंद धाकड़ का आरोप है कि उनके रिश्तेदार शिवरति और राजेंद्र ने ठेकानामा बनाने की आड़ में उनके परिवार वालों से कई कागजों पर दस्तखत करवाए थे। इसके बाद 11 दिसंबर 2000 को किए गए नामांतरण में उन्हें मृत घोषित कर दिया। साथ ही उनके नाम से गांव देवभिलाई में 2.732 हेक्टेयर जमीन है, जिसकी फर्जी तरीके से रजिस्ट्री भी करवा ली गई। पीड़ित ने धोखाधड़ी में पटवारी हरिदास और RI पूनम की भी खास भूमिका रहने का आरोप लगाया। अब ये बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है। उसने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से लेकर कलेक्टर तक इस मामले की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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