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बच्चों की राज्य स्तरीय शालेय शतरंज प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ, 10 संभाग के 300 बच्चे ले रहे भाग

बच्चों की राज्य स्तरीय शालेय शतरंज प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ, 10 संभाग के 300 बच्चे ले रहे भाग

लोकमतचक्र डॉट कॉम।

हरदा : जिला मुख्यालय पर आज 66 वी राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का शुभारंभ रविवार को डॉ बीआर अम्बेडकर उत्कृष्ठ विद्यालय हरदा में हुआ। इस अवसर पर कलेक्टर ऋषि गर्ग और पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल ने शतरंज खेलकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती कमेडिया भी इस दौरान मौजूद थीं।


कलेक्टर श्री गर्ग ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हर खेल हमें कोई ना कोई सीख देता है। साथ ही हमारे व्यक्तित्व का विकास भी करता है। उन्होंने कहा कि आप सभी बड़े भाग्यशाली हैं, जो मस्तिष्क विकास के इस खेल में हिस्सा ले रहे हैं। शतरंज का खेल हमें दो तरह की सीख देता है। पहली सीख यह है कि इस खेल में हर खिलाड़ी का अपना महत्व होता है। शतरंज में प्यादा भी राजा को पराजित करता है। अगर हमारा बिल पावर मजबूत है, तो हम किसी भी चुनौती को स्वीकार कर सकते हैं। जीवन में कभी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। दूसरी सीख यह कि इस गेम में कई बार हमें अपनी बाजी को जीतने के लिए पीछे भी आना होता है, तो वह हार नही होती। कई बार हमारे द्वारा पीछे लिए गए कदम हमारी सुरक्षा करता है। वहीं भविष्य में सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि यहां से अच्छे खिलाड़ी निकलें, जो अपने संभाग और प्रदेश का नाम पूरे देश में रोशन करें।


कार्यक्रम में एसपी मनीष कुमार अग्रवाल ने भी सभी खिलाड़ियों को टीम भावना के साथ खेलने की बात कही। वहीं पराजित होने पर निराश होने की बजाय और मेहनत कर मंजिल पाने के लिए प्रयास करने को कहा। इस अवसर पर नपाध्यक्ष भारती कमेडिया ने कहा कि खिलाड़ी खेल भावना को अपने जीवन में उतारें और सद्भाव पूर्वक अपने क्षेत्र का विकास करें। उनके मन में किसी दूसरे व्यक्ति के लिए किसी भी प्रकार की वैमनस्यता की भावना नहीं आनी चाहिए।

प्रतियोगिता के पहले दिन भोपाल, जबलपुर, , उज्जैन, ग्वालियर, नर्मदापुर, रीवा, इंदौर, शहडोल, सागर, आदिम जनजाति के खिलाड़ियों ने बेहतर खेल का प्रदर्शन किया। शतरंज के खेल से बच्चों का मानसिक विकास होता है। शतरंज खिलाड़ी जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं।

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