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पांच लाख की रिश्वत लेते दो दिन पहले रिटायर्ड हुए कलेक्टर गिरफ्तार, सरकार ने महत्वपूर्ण पद की दी थी जिम्मेदारी

पांच लाख की रिश्वत लेते दो दिन पहले रिटायर्ड हुए कलेक्टर गिरफ्तार, सरकार ने महत्वपूर्ण पद की दी थी जिम्मेदारी

विभागीय जांच आयुक्त पद सरकार के दी थी जिम्मेदारी, विभिन्न गड़बड़ियों में फंसे अधिकारी-कर्मचारियों से जुड़ी जांच का जिम्मा था मिला

लोकमतचक्र.कॉम।

अलवर: राजस्थान के अलवर में ACB ने IAS अधिकारी और जिले के पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को पांच लाख रुपये की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है। ACB ने पहाड़िया के साथ ही RAS अफसर अशोक सांखला और दलाल नितिन शर्मा को भी गिरफ्तार किया है। ख़ास बात ये है कि आईएएस अफसर पहाड़िया दो दिन पहले ही अलवर कलेक्टर पद से रिलीव हुए हैं।


ACB डीजी बीएल सोनी ने बताया कि कुछ दिनों पहले एक शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से निर्माण कार्य किया जा रहा है। काम में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए 4 महीने के 16 लाख रुपये मासिक बंदी के रूप में रिश्वत मांगी गई थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एक टीम बनाई गई।

शिकायतकर्ता शनिवार सुबह रिश्वत के पैसे देने के लिए पहुंचा और पांच लाख रुपये अशोक सांखला को दिए अशोक सांखला ने दलाल नितिन शर्मा को इसे पूर्व कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया के पास पहुंचाने के लिए कहा। दलाल पहाड़िया को पैसा देने जा रहा था, उसी दौरान रास्ते में एसीबी ने उसे पकड़ लिया और पहाड़िया को कलेक्टर आवास से गिरफ्तार किया।

दस दिन पहले ही राज्य सरकार ने पहाड़िया का ट्रांसफर अलवर कलेक्टर से विभागीय जांच आयुक्त के पद पर किया था। तीन दिन पहले वे कलेक्टर पद से रिलीव भी हो गए थे। विभागीय जांच आयुक्त पद काफी महत्वपूर्ण पद माना जाता है, क्योंकि यह विभिन्न गड़बड़ियों में फंसे अधिकारी-कर्मचारियों से जुड़ी जांच का जिम्मा संभालता है।

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