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महिला जूनियर इंजीनियर को रात को बंगले पर बुलाते थे अधीक्षण यंत्री, MD से कम्प्लेन के बाद भी FIR नहीं

महिला जूनियर इंजीनियर को रात को बंगले पर बुलाते थे अधीक्षण यंत्री, MD से कम्प्लेन के बाद भी FIR नहीं

भोपाल - पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अधीक्षण यंत्री शरद श्रीवास्तव अपने अधीनस्थ काम करने वाली एक जूनियर महिला इंजीनियर को रात में अपने बंगले पर बुलाते थे। अधिकारी पर आरोप है कि उनके द्वारा सीधी में पदस्थापना के दौरान महिला को फोन कर अनर्गल और अशोभनीय वार्तालाप किया जाता था और उसके अविवाहित होने का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही थी। महिला कनिष्ठ अभियंता ने अधीक्षण यंत्री के खिलाफ इस तरह के आरोप सिंगरौली जिले में एजेके थाने में दर्ज कराए गए केस में लगाए हैं। इसके बाद अधिकारी के विरुद्ध छेड़छाड़ और एससीएसटी एक्ट के  अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। इस मामले में अधीक्षण यंत्री का अधिकृत बयान अभी सामने नहीं आया है।

मूल रूप से सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में रहने वाली महिला अधिकारी सिंगरौली जिले के बैढ़न में कनिष्ठ अभियंता के पद पर संविदा पर कार्यरत है। इस महिला अफसर ने वर्तमान में रीवा जिले में पदस्थ और सीधी जिले के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री शरद श्रीवास्तव पर छेड़खानी और मोबाइल पर उसकी इच्छा के विरुद्ध लज्जा का अनादर कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आवेदन दिया था। इसमें कहा गया है कि जनवरी 2018 में अधीक्षण अभियंता के पद पर पदस्थापना के दौरान श्रीवास्तव द्वारा लगातार मानसिक प्रताड़ना दी गई। वे रात में बार-बार फोन कर अनर्गल और अशोभनीय व निरर्थक वार्तालाप करते थे जो उसके सम्मान के विरुद्ध था। महिला इंजीनियर ने कहा है कि मना करने के बाद भी वे उनका अशोभनीय व्यवहार रुक नहीं रहा था। वह अभी अविवाहित हैं और आरक्षित वर्ग से आती हैं। यह जानकर अधीक्षण यंत्री द्वारा पद व जाति से छोटा होने का फायदा उठाने की कोशिश की जा रही थी। वे काम के बहाने उसे सीधी बुलाते थे और रात में अपने सीधी के बंगले पर रुकने के लिए दबाव बनाते थे। महिला अफसर ने कहा है कि ऐसा वे इसलिए करते थे ताकि वे यौन शोषण की पूर्ति कर सकें। 


शिकायत के बाद जांच हुई पर कार्यवाही नहीं


महिला अफसर के अनुसार इसकी शिकायत उसके द्वारा प्रबंध संचालक, मुख्य अभियंता, कार्यपालन अभियंता, सहकर्मी कनिष्ठ अभियंता समेत अन्य अफसरों से की गई। इसकी जांच भी कराई गई लेकिन उनके विरुद्ध संतुष्टिपूर्ण कार्यवाही नहीं की गई। महिला अफ़सर का आरोप है कि कम्पनी के प्रबंध संचालक से व्यक्तिगत मिलकर और व्हाट्सएप के स्क्रीन शॉट और रिकार्डिंग देने के बाद भी उनके विरुद्ध संतुष्टिपूर्ण कार्यवाही नहीं की गई, उन पर एफआईआर नहीं हुई जबकि जांच में सारी बातें सही पाई गईं। इस मामले में अधीक्षण यंत्री का जवाब अभी आना बाकी है।

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