Breaking News

किसान आंदोलन में नक्सलियों ओर खालिस्तानियों का हस्तक्षेप - भाकिसं महामंत्री श्री गौर

किसान आंदोलन में नक्सलियों ओर खालिस्तानियों का हस्तक्षेप - भाकिसं महामंत्री श्री गौर

कृषि अध्यादेश में सुधार किये बिना यह बिल किसान हितैषी नहीं. . .।


हरदा।
भारतीय किसान संघ की वृहद जिला बैठक 12 जनवरी को ग्राम बालागांव के शंकर मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष चिरौंजी लाल बिश्नोई द्वारा की गई। विशेष अतिथि के रुप में प्रांतीय महामंत्री चंद्रकांत गौर, प्रदेश उपाध्यक्ष रामकृष्ण चौधरी एवं प्रदेश मंत्री योगेंद्र सिंह भामू विशेष रुप से उपस्थित रहे। 

बैठक का शुभारंभ सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों के द्वारा भगवान बलराम ,भारत माता एवं भगवान भोलेनाथ की पूजन कर भगवा ध्वज लगाकर किया गया। बैठक में सर्वप्रथम जिले के कोषाध्यक्ष एवं सदस्यता अभियान के जिला प्रभारी महेश शर्मा के द्वारा वर्तमान में चल रही सदस्यता अभियान का व्रत  सभी तहसीलों से लिया गया। 

श्री शर्मा के द्वारा बताया गया की इस वर्ष सदस्यता का लक्ष्य हरदा जिले का 71000 सदस्य बनाने का रखा गया है, जिसे सभी कार्यकर्ताओं को मिलकर शीघ्र ही पूर्ण करना है। इसके साथ ही हमें ग्राम इकाइयों के गठन की प्रक्रिया को भी पूर्ण करना है, ताकि ग्राम इकाई गठन के बाद तहसील इकाई का गठन एवं तहसील इकाइयों के बाद हमारे जिले की इकाई का पुनर्गठन किया जा सके। 

बैठक के दौरान मुख्य अतिथि के द्वारा सभी कार्यकर्ताओं से भी अपने अपने विचार एवं सुझाव लिए गए। इसके पश्चात मुख्य अतिथि श्री चंद्रकांत गौर के द्वारा उपस्थित कार्यकर्ताओं एवं किसानों का मार्गदर्शन किया गया। श्री गौर ने कहा की भारतीय किसान संघ एक अखिल भारतीय राष्ट्रवादी गैर राजनीतिक किसान संगठन है जिसका पूरे भारतवर्ष में कार्य है। देश के लगभग 600 जिलों में भारतीय किसान संघ का काम सुचारू रूप से शुरू हो गया है। साथ ही लगभग 6000 ग्राम इकाइयां किसान संघ की देशभर में कार्य कर रही हैं। 

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर संगठन की ओर से अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रकांत गौर ने कहा कि किसान आंदोलन मैं पंजाब-हरियाणा के कुछ जिलों के किसान शामिल हैं। यह किसान आंदोलन भारतीय किसान संघ के संविधान के अनुसार नहीं किया जा रहा है। इस आंदोलन में बैठे लोग तो किसान हैं मगर आंदोलन के नियंत्रण करता कोई और है। आंदोलन में नक्सलवादियों, खालिस्तानीयों का हस्तक्षेप है। यह आंदोलन कभी भी अराजकता की ओर मुड़ सकता है, इसलिए इस आंदोलन को भारतीय किसान संघ का समर्थन नहीं है। दिल्ली में बैठे ऐसे कई किसान संगठन भारतीय किसान संघ में पूर्व में समाहित हो चुके हैं और आगे भी हो जाएंगे। 

कृषि बिल में सुधार की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ द्वारा सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल पारित होने के तत्काल पश्चात देशभर के 600 जिलों से 20000 ग्राम इकाइयों के माध्यम से पांच मांगों को लेकर बिल में संशोधन की मांग को लेकर ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया गया था। साथ ही सरकार और संगठन में बैठकों के माध्यम से कृषि बिल में संशोधन कराने के लिए निरंतर भारतीय किसान संघ द्वारा केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। किसानों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए, चाहे वह किसी भी माध्यम से हो। कृषि अध्यादेश में सरकार को सुधार करना ही होगा। बिना संशोधन किए यह बिल किसान हितेषी नहीं हो सकता। सरकार द्वारा लाए गए इन कृषि बिलों में सुधार को लेकर भारतीय किसान संघ कटिबद्ध है। शीघ्र ही केंद्र सरकार को इस बिल में संशोधन कर इसे किसान हितेषी बनाया जाए, अन्यथा भारतीय किसान संघ को सड़क पर आने से कोई नहीं रोक सकता। किसान संघ ने जिस दिन बोला उस दिन पूरा देश जाम होगा। 

अंत में श्री गौर के द्वारा राम मंदिर निर्माण पर बोलते हुए सभी किसान कार्यकर्ताओं से आवाहन किया कि वह श्रीराम को ध्यान में रखकर 15 जनवरी से श्री राम मंदिर निर्माण हेतु अपना तन-मन-धन लगाकर समाज के बीच जन जागरण कर धन संग्रह का कार्य करें। इसके पश्चात पुनः किसान संघ की सदस्यता के कार्य में लग जाएं। बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित संभागीय अध्यक्ष शैतान सिंह राजपूत, हरिशंकर सारण, जिला मंत्री भगवानदास गौर, सह मंत्री रामकृष्ण मुकाती, राजनारायण गौर, विनोद पाटिल, रामकृष्ण कुशवाहा, दीपचंद नाबाद, बालक दास छापरे ,हरिओम गौर, कैलाश गुर्जर ,विनय पटेल ,बालकृष्ण मलगा या, नंदकिशोर पटेल सहित जिलेभर से सैकड़ों कार्यकर्ता बैठक में शामिल हुए

कोई टिप्पणी नहीं