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अवैध शराब रोकने माफिया की जड़ों पर प्रहार करें अफ़सर, कैसे करना है यह बेहतर जानते हैं - मुख्यमंत्री

अवैध शराब रोकने माफिया की जड़ों पर प्रहार करें अफ़सर, कैसे करना है यह बेहतर जानते हैं - मुख्यमंत्री

भोपाल - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अवैध शराब का काम पूरी तरह खत्म करना है। इसके लिए शराब माफियाओं की जड़ों पर कड़ा प्रहार करना है। जड़ों पर प्रहार करो और इस कारोबार को खत्म कर दो। कैसे करना है, ये मुझे बताने की जरूरत नहीं है। आप लोग मुझसे बेहतर जानते हो। उन्होंने कहा कि 
मध्यप्रदेश में शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। जो अधिकारी बेहतर कार्य करेंगे, उनको हम पुरस्कृत करेंगे। 

सीएम चौहान ने ये बातें कलेक्टर-एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहीं। अवैध शराब की रोकथाम के लिए बुलाई गई वीसी में सीएम चौहान ने कहा कि एक लाइन का संदेश यही है कि अवैध शराब को जड़ से खत्म करना है। इसकी जवाबदारी कलेक्टर, एसपी, आईजी, कमिश्नर, आबकारी अधिकारी की है।
 चौहान ने कहा कि पूरी तरह से शराब का धंधा करने वालों को साफ करना है। जिले के अधिकारी यदि ठान लें तो किसे पता नहीं चलेगा कि कहां बिक रही है, कहां बन रही है और कहां से आ रही है। माफियाओं को पकड़ना है और समाप्त करना है।

सूचना, खुफिया तंत्र को करें मजबूत 

उन्होंने कहा कि हर जिले के सूचना और खुफिया तंत्र को और विकसित और सुदृढ़ बनाया जाये। अधिकारी पूरी जानकारी रखें कि अवैध शराब कहां बनती है, कहां से सप्लाई होती है और कहां-कहां बेची जाती है ? मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अवैध शराब के प्रकरणों में अवैध शराब व्यवसाय के मूल स्त्रोत तक पहुंचना जरूरी है। अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री के नेटवर्क में शामिल व्यक्तियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाये। सभी एसडीएम और एसडीओपी ग्राम पंचायतों के सरपंचों और सचिवों की बैठक लें और उन्हें अवैध शराब के दुष्परिणामों से अवगत कराएं। आम जनता को जागरुक करें।

अवैध शराब बेचने वालों को करें चिन्हित

सीएम शिवराज ने कहा कि मोहल्लों और ग्रामों में अवैध शराब के व्यापार में संलग्न व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई की जाये। पुलिस, खाद्य, औषधि,  प्रशासन, राजस्व और आबकारी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम अवैध शराब की बिक्री और मिलावट के प्रभावी रोकथाम के लिये योजनाबद्ध ढंग से सतत कार्य करें। शासन द्वारा निर्धारित कीमत से अधिक कीमत पर शराब नहीं बिके, यह सुनिश्चित किया जाये। कोटवार, सरपंच, पंचायत सचिव के माध्यम से सुनिश्चित किया जाये कि उनके क्षेत्र में अवैध शराब का निर्माण और विक्रय नहीं हो। यदि अवैध शराब बिक्री का प्रकरण देखा जाये तो तत्काल पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाये। 

आबकारी नीति में करें संशोधन

बैठक में बताया गया कि आबकारी नीति में जरूरी संशोधनों की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्राप्त सुझावों तथा जरूरतों पर व्यापक विचार कर संशोधन किया जाये। बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में एक लाख की आबादी पर चार लायसेंस वाली शराब की दुकानें हैं। राजस्थान में एक लाख की आबादी पर 17, महाराष्ट्र में 21 और उत्तरप्रदेश में एक लाख की आबादी पर 12 शराब की वैध दुकानें संचालित हैं। इस उच्च स्तरीय बैठक में शराब की वैध दुकानों की संख्या, शराब की कीमत, पुलिस और आबकारी विभागों में अधिकारी-कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति, वाहनों की आवश्यकता आदि मुद्दों पर भी गंभीरता से विचार किया गया। इससे पहले सीएम चौहान ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह की मौजूदगी में सम्बल योजना के अंतर्गत 224 करोड़ रुपये हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर किये।

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