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कृषि मंत्री कमल पटेल ने उर्वरक संबंधी कैलेण्डर का अनावरण किया

कृषि मंत्री कमल पटेल ने उर्वरक संबंधी कैलेण्डर का अनावरण किया

डी.ए.पी. व पोटाश के अलावा अन्य विकल्पों पर भी किसान विचार करें


लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा / कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने सोमवार को कृषि विज्ञान केन्द्र तथा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा तैयार किये गये विभिन्न उर्वरक के विकल्पों की पोषक तत्व अनुसार अनुशंसित मात्रा की गणना संबंधी कैलेण्डर का अनावरण किया। मंत्री श्री पटेल ने इस दौरान कृषको के लिए संदेश दिया गया कि, किसान भाई यूरिया, डी.ए.पी. एवं पोटाश के अतिरिक्त अन्य विकल्पों पर विचार कर अपनायें, जिससे संतुलित उर्वरक प्रबंधन कर मृदा की उर्वरता एवं उत्पादकता को संरक्षित करें। इस कैलेण्डर को सभी निजी विक्रेताओ, सेवा सहकारी समितियों एवं ग्राम पंचायतों में लगाया जायेगा साथ ही इसके पोस्टर भी गांवो में दीवारों पर लगाये जायेगें। 

उपसंचालक कृषि एम.पी.एस. चन्द्रावत ने बताया कि रबी की बुवाई का कार्य चालू हो चुका है, ऐसे में अच्छे बीज के साथ-साथ संतुलित पोषक तत्वों के प्रबंधक का भी अपना अलग ही महत्व है। जब पोषक तत्वो के प्रबंधन की बात आती है तो किसान भाईयो को सबसे पहले जो उर्वरक दिखते है, डीएपी और यूरिया है। इन दोनो उर्वरको से पौधो को केवल दो पोषक तत्व ही मिलते है नाइट्रोजन और फॉस्फोरस। जब हम डीएपी का प्रयोग करते है तो हमे केवल दो पोषक तत्व नाइट्रोजन 18 प्रतिशत और फॉस्फोरस 46 प्रतिशत ही मिलते है जबकि इसके स्थान पर अगर सिंगल सुपर फॉस्फेट का उपयोग किया जाए तो हमें 3 पोषक तत्व फॉस्फोरस 16 प्रतिशत, कैल्शियम 21 प्रतिशत और सल्फर 11 प्रतिशत मिलते है। सल्फर जैसे तत्वों की पूर्ति के लिए हमें अतिरिक्त धन खर्च करने की जरूरत नही पड़ती है। अगर प्रति किलोग्राम पोषक तत्वों पर खर्च किये जाने वाले धन की बात की जाए तो डीएपी से प्राप्त होने वाले प्रति किलोग्राम पोषक तत्व पर तुलनात्मक रूप से सर्वाधिक खर्च होता है।

इसके अतिरिक्त मुख्य पोषक तत्व यथा नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश प्रतिपूर्ति हेतु अन्य विकल्पों जैसे - यूरिया $ एन.पी.के. 12ः32ः16 $ पोटाश या यूरिया $ एन.पी.के. 14ः35ः14 $ पोटाश या यूरिया $ एन.पी.के. 28ः28ः0 $ पोटाश या यूरिया $ एन.पी.के. 20ः20ः0 $ पोटाश या यूरिया $ एन.पी.के. 10ः26ः26 $ पोटाश आदि पर भी कृषक विचार कर सकते है। किसान पौधों की रोग एवं कीट प्रतिरोधक क्षमता के उन्नयन एवं चमकदार व बोल्ड दाना प्राप्त करने के लिये अनुशंसित मात्रा में पोटाश का उपयोग अवश्यक करें।

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