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दफना दिया था पुलिस ने तहसीलदार का शव, बेटे ने फोटोग्राफ्स से की पहचान तो SDM की अनुमति से खोद कर निकाला

दफना दिया था पुलिस ने तहसीलदार का शव,  बेटे ने फोटोग्राफ्स से की पहचान तो SDM की अनुमति से खोद कर निकाला

300 किमी दूर पार्वती नदी में 19 तारीख को मिला था तहसीलदार का क्षतविक्षत शव

लोकमतचक्र डॉट कॉम।

भोपाल : गत 15 अगस्त को सीहोर के सीवन नदी में तेज बहाव में बहे तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर की डेडबॉडी घटनास्थल से तीन सौ किलोमीटर दूर पार्वती नदी में मिली है। जहां ठाकुर का शव पाया गया वह श्योपुर जिले के बड़ोदा तहसील का क्षेत्र है। पुलिस ने शव की पहचान न होने के बाद उसे दफना दिया था जिसे परिजनों की पहचान के बाद एसडीएम की अनुमति से बुधवार को निकाला गया और अब परिजन उसे सीहोर लेकर लौट रहे हैं। 


श्योपुर जिले के बड़ौदा तहसीलदार भरत सिंह नायक ने बताया कि 19 अगस्त को बड़ौदा पुलिस को एक डेडबॉडी मिली थी जिसकी पहचान नहीं होने पर थाना प्रभारी ने उसे दफनाने की प्रक्रिया पूरी करा दी थी क्योंकि लाश कई दिन पुरानी थी। आस-पास के थानों में गुमशुदगी की सूचना के बाद भी जानकारी नहीं मिली तो डेडबॉडी के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किए गए थे। इसकी जानकारी नरेंद्र सिंह के परिजनों को मिली तो उनकी बहन और जीजा वहां गए लेकिन दफनाई गई बॉडी को पहचान पाने में उन्होंने असमर्थता जाहिर की। इस पर नरेंद्र सिंह के बेटे पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर को सीहोर से श्योपुर भेजा गया जहां उन्होंने थाने में रखे गए फोटोज की बदौलत उनकी पहचान की। इसके बाद थाना प्रभारी को दिए गए आवेदन के आधार पर एसडीएम ने दफनाई गई बॉडी निकालने की परमिशन दी और उसे निकाला गया। गौरतलब है कि आई20 कार में सवार तहसीलदार ठाकुर और पटवारी महेंद्र रजक 15 अगस्त को सिहोर में सीवन नदी में कार समेत बह गए थे। तीन दिन बाद पटवारी रजक का शव और कार 3 किमी दूर मिले थे।

नदी के आधार पर 300 किमी दूर मिला शव

जिस सीवन नदी में तहसीलदार बहे थे वह पार्वती नदी में मिलती है और अफसरों के अनुसार घटनास्थल से नदी के बहाव में उनकी लाश तीन सौ किमी दूर बहकर पहुंच गई थी। सड़क मार्ग से यह दूरी 350 किमी होती है। मृतक तहसीलदार ठाकुर का एक हाथ भी अलग हो गया था और आंखें बाहर आ गई थीं। शरीर काफी हद तक गल गया था। इसलिए पुलिस ने शव मिलने के बाद जल्दी से दफनाया था। 

पैर की उंगलियों से हुई पहचान

तहसीलदार नायक ने बताया कि मृत तहसीलदार नरेंद्र सिंह की पहचान उनके बेटे पुष्पेंद्र ने बॉडी निकालने के बाद उनके पैर के पंजों और उंगलियों को देखकर की। उनकी पैर की एक उंगली टेढ़ी थी जिसे पहचान का आधार माना गया और उसके बाद उनकी सहमति से शव परिजनों को सौंप दिया गया है जहां से सीहोर लाकर गुरुवार को सीहोर में ठाकुर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

डीएनए सेंपल भी लिया

तहसीलदार ठाकुर की बॉडी मिलने के बाद उनका डीएनए सेंपल भी लिया गया है। ठाकुर तहसीलदार संघ के प्रांताध्यक्ष थे और उनके निधन पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार और अन्य राजस्व कर्मचारियों ने शोक व्यक्त किया है। 

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