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नगरीय निकायों के इन 90 CMO की नौकरी खतरे में, 20 साल की सेवा, 50 साल की उम्र बन रही वजह

नगरीय निकायों के इन 90 CMO की नौकरी खतरे में, 20 साल की सेवा, 50 साल की उम्र बन रही वजह

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : नगरीय विकास और आवास विभाग ने नगर पालिका और नगर पंचायत में पदस्थ 90 सीएमओ के खिलाफ जांच कर उनके विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इसके लिये विभाग के सभी संभागीय संयुक्त संचालकों को इनकी सूची भेजी गई है। इसकी रिपोर्ट 1 नवम्बर तक मांगी गई है ताकि इस संबंध में निर्णय लेकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश जारी किए जा सकें। जांच के दायरे में ए, बी, सी कैटेगरी के आधार पर अफसर शामिल किए गए हैं।

प्रदेश के नगरीय निकायों में बीस वर्ष की सेवा और पचास वर्ष की आयु पूरी कर चुके 90 मुख्य नगर पालिका अधिकारियों पर संकट के बादल मंडरा रहे है। खराब परफारमेंस, कार्यक्षमता में कमी, ईमानदारी में कमी और लापरवाही से काम करने वाले अफसर अनिवार्य सेवा निवृत्ति देकर नौकरी से बाहर किए जाएंगे।

आयुक्त नगरीय प्रशासन निकुंज श्रीवास्तव ने प्रदेश के सभी संभागीय संयुक्त संचालकों को निर्देश दिए हैं कि सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश हैं कि बीस वर्ष की सेवा और पचास साल की उम्र पूरी करने वाले अधिकारियों के सेवा अभिलेखों की नियमित समीक्षा कर आवश्यक सेवा निवृत्ति देने के संबंध में निर्णय लिया जाए। नगरीय निकायों में काम कर रहे 90 मुख्य नगर पालिका अधिकारी इस दायरे में आ रहे हैं। इन सभी अधिकारियों के सेवा अभिलेखों की छानबीन करने के निर्देश आयुक्त ने दिए हैं। इसमें इन अफसरों की ईमानदारी और सत्यनिष्ठा संदेहजनक होना, शारीरिक क्षमता में कमी आने की स्थिति देखी जाएगी। इनकी ख्याति और कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा। इनके संपूर्ण सेवाकाल के अभिलेखों का समग्र मूल्यांकन किया जाएगा। अच्छा ख श्रेणी से कम यदि इनके अभिलेख हैं, तो यह भी देखा जाएगा। प्रदेश के सभी संभागों में काम करने वाले 90 मुख्य नगरपालिका अधिकारियों की सूचियां सभी संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन को भेजी गई हैं। इनके दस्तावेजों की छानबीन और अन्य सभी बिन्दुओं पर जांच कर सात दिन के भीतर इनकी रिपोर्ट मांगी गई है। खराब परफारमेंस और कार्यक्षमता में कमी, कामकाज में लापरवाही करने वाले, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर नौकरी से बाहर किया जाएगा।

इनकी नौकरी पर आया संकट
 
जिन 90 सीएमओ की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, उनमें ए कैटेगरी के प्रताप सिंह सोलंकी, सत्येंद्र सिंह धाकरे, जयनारायण पारा, अभय राजनगांवकर, मनोज कुमार पाठक, राधेश्याम मंडलोई, हिमांशु सिंह, पवन कुमार सिंह, आरपी मिश्रा, राजेश श्रीवास्तव, इकरार अहमद, अजय सिंह चौहान, मीनाक्षी पाटीदार शामिल हैं। बी कैटेगरी वाले सीएमओ में गजानंद नाफड़े, रवि भट्ट, विवेक कुमार शुक्ला, भगवानदास कतरोलिया, नत्थीलाल करोलिया, प्रेमकुमार सुमन, रामवरण सिंह राजौरिया, शिवजी आर्य, रामकुमार कुरवेती, चंद्रकुमार मेश्राम, अशोक कुमार भामौलिया, प्रमोद कुमार तोषणीवाल, हिमांशु कुमार भट्ट, हर्षित तिवारी, नीरज कुमार श्रीवास्तव, अरुण कुमार शर्मा, आधार सिंह कुम्हार के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही सी कैटेगरी वाले सीएमओ में अमजद गनी, लता अग्रवाल, जयशंकर मिश्रा, मनोज कुमार श्रीवास्तव, संजेश गुप्ता, विवेक नारायण मिश्रा, दशरथ प्रसाद खंडेलकर, लोकेंद्र सिंह सोलंकी, प्रवीण कुमार उपाध्याय, ज्ञानेंद्र कुमार यादव, चंद्र प्रकाश राय, अनिल कुमार दुबे, प्रदीप कुमार जैन, देवबाला पिपलोनिया, संतराम चौहान, रवि प्रसाद श्रीवास्तव, अमर सत्य गुप्ता, शैलेंद्र कुमार, करुणेश दंडोतिया, सुधीर कुमार, संजय कुमार पांडेय, संदीप श्रीवास्तव, राकेश चौहान, मोहम्मद सलीम, दिनेश कुमार तिवारी, अशोक कुमार बंसल, महेंद्र कुमार वशिष्ठ, निशिकांत शुक्ला के नाम शामिल हैं। 

ये अफसर भी शामिल

इनके अलावा सी कैटेगरी वाले अफसरों में शामिल रवि प्रकाश नायक, डॉ मधु सक्सेना, राजेंद्र मिश्रा, जितेंद्र सिंह परिहार, विजय तिवारी, भैयालाल सिंह, सतीश कुमार दुबे, संजय सिंह, इम्तियाज हुसैन, संतोष चौहान, द्वारका प्रसाद शर्मा, रामचरण अहिरवार, अशोक कुमार कैथल, नंद किशोर पारसानिया, सत्येंद्र कुमार सालवार, राजेंद्र सिंह वर्मा, बाल सिंह डामोर, गोविन्द कुमार पोरवाल, जगदीश कुमार गुहा, आनंद कुमार श्रीवास्तव, दामोदर चौधरी, वीरेंद्र तिवारी, रामनिवास शर्मा, नाहर सिंह यादव, तेजकरण गुनवादिया, यशवंत वर्मा, प्रताप सिंह खेंगर, ताराचंद धुलिया, दिनेश बाघमारे, लक्ष्मण सिंह सारस, राजाराम बरठे, मधुसूदन श्रीवास्तव के नाम भी जांच की समीक्षा वाले अफसरों में शामिल हैं।

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