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रेत की जांच, उसमें भी ले ली ऑनलाइन रिश्वत मामला खुलने पर हुए सस्पेंड

कलेक्टर ने जांच में लगाया किसी ओर काम में अधिकारी को..., वो करने लगे बालू रेत की जांच, उसमें भी ले ली ऑनलाइन रिश्वत मामला खुलने पर हुए सस्पेंड

जिला योजना अफसर को भी मिला नोटिस

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : रिश्वत का लालच किस कदर आदमी को अंधा कर देता है इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण सतना जिले में देखने को मिला यहां पर रिश्वत के लालच में अंधे हुए सहकारिता निरीक्षक ने गूगल पे माध्यम से ऑनलाइन रिश्वत लेने से भी परहेज नहीं किया। मामला उजागर होने पर जांच हुई और उन्हें निलंबित कर दिया गया। मामला कुछ यूं है कि सतना जिले में रैगांव विधानसभा उपचुनाव में शराब की अवैध सप्लाई रोकने के लिए तैनात किए गए सहकारिता निरीक्षक ऐसा करने वालों से हजार रुपये की ऑनलाइन रिश्वत लेने के मामले में सस्पेंड किये गए हैं।


रैगांव विधानसभा उप निर्वाचन में स्थैतिक टीम (एसएसटी) में खाम्हा खूजा टोल नाका थाना सिविल लाइन नाके पर नियुक्त सहकारिता निरीक्षक आशीष शर्मा को पदीय दायित्वों के दुरुपयोग और निर्वाचन आयोग के निर्देशों के विपरीत कार्य करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।  कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने सहकारिता निरीक्षक शर्मा को पदीय दायित्वों के दुरुपयोग, कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही और आयोग के निर्देशों के विपरीत कार्य करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनका मुख्यालय जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सतना नियत किया है।

सहकारिता निरीक्षक शर्मा की ड्यूटी एसएसटी में खाम्हा खूजा टोल नाका चेक पोस्ट पर निर्वाचन के दौरान भारी मात्रा में लाई जाने वाली नकदी, अवैध शराब, संदेहास्पद वस्तु एवं शस्त्रों की आवाजाही पर सतत निगरानी हेतु लगाई गई थी। शर्मा पर 24 अक्टूबर को खाम्हा खूजा तिराहे पर स्थित बैरियल पर अनधिकृत एवं नियम विरुद्ध रूप से बालू से भरे ट्रक को रोककर गूगल पे के माध्यम से एक हजार रुपये रिश्वत लेने की शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा कराई गई थी। शिकायत की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13(ग) एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील अधिनियम 1966 के नियम 9(क) के तहत कार्यवाही करते हुए सहकारिता निरीक्षक को निलंबित कर दिया है।

एक अन्य मामले में जिला योजना और सांख्यिकी अधिकारी द्वारा उपचुनाव वाले क्षेत्र में सांसद विकास निधि योजना का प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेज दिया और एडिशनल ट्रांसफॉर्मर और विद्युतीकरण के लिए फ़ाइल मंजूर कराने का प्रपोजल भेजा। इस अधिकारी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।

 कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने विधानसभा क्षेत्र रैगांव में उप निर्वाचन के लिये आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी ग्राम पनगरा में अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं विद्युतीकरण कार्य के लिये चाही गई प्रशासकीय स्वीकृति का परीक्षण किये बिना प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी आरके कछवाह को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिवस के अंदर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।     

जिला मजिस्ट्रेट ने जारी नोटिस में बताया है कि सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति/वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये 19 ग्रामों का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। जिसमें विधानसभा क्षेत्र रैगांव अंतर्गत ग्राम पनगरा के राजपाल सिंह के पंप के पास अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं विद्युतीकरण कार्य के लिये 3 लाख 89 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति भी शामिल है। ग्राम पगनरा रैगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने पर इस क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के बावजूद भी कछवाह द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति के लिये प्रेषित प्रस्ताव का परीक्षण सही तरीके से नहीं करने और बगैर परीक्षण किये बिना मनमानी तरीके से प्रस्ताव प्रेषित करना घोर आपत्तिजनक होने के साथ-साथ कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता का द्योतक है। साथ ही म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विरूद्ध एवं म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत दंडनीय भी है।


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