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जिलों का सालाना प्लान बनाएं कलेक्टर-एसपी, एक अप्रेल से करेंगे समीक्षा - मुख्यमंत्री

जिलों का सालाना प्लान बनाएं कलेक्टर-एसपी, एक अप्रेल से करेंगे समीक्षा - मुख्यमंत्री

भोपाल - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि वे जिले का प्लान दो माह में तैयार करें। इसमें ग्राम पंचायत से लेकर जिला तक इकाई होगी। इस प्लान पर एक अप्रेल से फोकस कर उसे इम्प्लीमेंट कराने का काम किया जाएगा। कलेक्टरों के बीच अपने जिलों को नम्बर वन बनाए रखने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। कलेक्टर-एसपी कानून व्यवस्था और विकास को लेकर तात्कालिक और लांग टर्म प्लानिंग कर रिपोर्ट देंगे जिसे चीफ सेकेट्री और डीजीपी अपने स्तर पर एक्जीक्यूट करने के लिए काम करेंगे। जिले का राजस्व बढ़ाना भी कलेक्टरों की जिम्मेदारी है। 


 शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नव वर्ष-2021 में पहली बार संवाद किया। वे इस दौरान जिला वार कार्यों की समीक्षा भी कर रहे हैं। सीएम चौहान ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा कि उपलब्ध संसाधनों के आधार पर ग्राम पंचायत जिलों में क्या करेंगे? इसके लिए हर जिले का प्लान तैयार होना चाहिए। वर्किंग में गुड गवर्नेंस हो। योजना का लाभ बिना लिए दिए बिना समय गंवाए समय सीमा में मिल जाए। कानून व्यवस्था का आंकलन जिले के आधार पर करें। हर जिले की कानून व्यवस्था की समस्या अलग-अलग है। इसके लिए लांग टर्म प्लानिंग करें। नक्सल समस्या, अफीम की तस्करी, गुंडा-माफिया को समाप्त करने की तात्कालिक और दीर्घकालिक प्लानिंग करें। भारत सरकार की हर योजना में हमें नम्बर वन रहना है। जिलों में आपस में प्रतिस्पर्धा हो। नंबर वन, टू व थ्री को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो। कलेक्टर, एसपी प्लान तैयार करेंगे, सीएस और डीजीपी देखेंगे और लागू करेंगे। 

उन्होंने कहा कि कमिश्नर और आईजी का अपना रोल रहेगा। जिले का सालाना प्लान इस तरह से तैयार करना है। इसके बाद एक अप्रेल से बनाए हुए प्लान पर काम होगा। हम हर माह उसकी समीक्षा करेंगे। उसी के आधार पर जिले की और विभागों की ग्रेडिंग होगी। हमें राजस्व बढ़ाना है। यह काम कलेक्टर की जिम्मेदारी है। चाहे जीएसटी हो या वाणिज्यिक कर का मामला हो, यह उन्हें देखना है। पैसे कमी की रोना नहीं रो सकते हैं कि पैसे नहीं हैं। सीएम चौहान ने कहा कि कोरोना के वैक्सीन का टीकाकरण कराने की योजना ठीक से बनाएं। जैसे मैंने तय किया है कि मैं पहले नहीं लगवाऊंगा। पहले बाकी को लग जाए फिर हम लगवाएंगे। वही धारणा आपको रखनी है। एक एक चीज देखूंगा। जब तक काम पूरा नहीं होगा तब तक बैठेंगे।


इन मुद्दों पर जिला वार चर्चा, कमजोर परफार्मेंस टारगेट

 
 मुख्यमंत्री चौहान द्वारा बैठक में रोजगार मूलक योजनाओं, मनरेगा, स्व-सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए बैंक लिंकेज, मार्केट लिंकेज और उनके माध्यम से किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की मौजूदगी में कमजोर परफार्मेंस को टारगेट किया जाकर ऐसे जिलों के अफसरों से वजह पूछी और उसमें सुधार लाने के लिए कहा। आज हो रही मीटिंग में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा प्रधानमंत्री शहरी पथ विक्रेता स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता सर्वेक्षण आदि की भी समीक्षा की जा रही है। साथ ही लोक परिसम्पत्तियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए जिलों में किए गए काम, प्रदेश में गौशालाओं के संचालन और प्रबंधन की समीक्षा भी हो रही है। बैठक के एजेंडे में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा प्रदेश में खनिजों के अवैध उत्खन्न की रोकथाम और कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा भी शामिल है। 


एमपी को आगे निकलना है, मतलब निकलना है-चौहान
सीएम चौहान ने अफसरों से फिर साफ तौर पर कहा कि किसी से राग है न द्वेष है। एक जुनून है, मध्यप्रदेश के विकास का। एमपी को विकास में आगे निकलना है मतलब निकलना ही है। असंभव से भी आगे निकलना है। मैं किसी चीज को असंभव नहीं मानता। इसके लिए परिश्रम की पराकाष्ठा और प्रयत्नों की परिसीमा करना है। आप में से परफार्म करने वाला ही टिकेगा। वल्लभ भवन के अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। हम अंधी गली में नहीं चलेंगे, इसलिए हमने नगर और ग्राम पंचायत के डेवलपमेंट का प्लान आपसे मांगा है।

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