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गुरू वंदना से तीर्थ वंदना पर निकले जैन संत एक माह में एक हजार किलोमीटर का पैदल बिहार कर कल पहुंचेंगे नेमावर

गुरू वंदना से तीर्थ वंदना पर निकले जैन संत एक माह में एक हजार किलोमीटर का पैदल बिहार कर कल पहुंचेंगे नेमावर

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन 18 वर्ष के बाद करेंगे आचार्य श्री कुल रत्न भूषण जी महाराज 


हरदा/नेमावर
- गुरू वंदना से तीर्थ वंदना का पावन मनोरथ लेकर कर्नाटक दक्षिण की कृष्णा नदी के अतिशय क्षेत्र भद्रागिरी से मध्य क्षेत्र की नर्मदा नदी के नाभि तट पर आकार ले रहे दिगंबर जैन समाज के भव्य तीर्थ सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र पर विराजमान संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन को निकले आचार्य श्री कुल रत्न भूषण जी महाराज एक माह में एक हजार किलोमीटर का एक माह में पैदल बिहार (पथगमन) कर कल पहुंचेंगे नेमावर। श्रद्धालुओं के अपार जनसमूह के साथ शोभा यात्रा के रूप में नर्मदा नदी के दक्षिण तट हंडिया से उत्तर तट नेमावर पहुंच कर लेंगे दर्शनों का लाभ।

कर्नाटक में भद्र गिरी तीर्थ प्रणेता और आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के अनन्य भक्त आचार्य श्री कुलरत्न भूषण जी महाराज कल नेमावर पधार रहे हैं। इनके साथ हजारों जैन श्रावक भक्त भी आचार्य श्री विद्यासागर के दर्शन हेतु कर्नाटक से पधार रहे हैं।

उक्त जानकारी देते हुए जैन समाज हरदा के ट्रस्टी राजीव रविन्द्र जैन पटवारी ने बताया कि आचार्य श्री कुल रत्न भूषण जी महाराज ने संकल्प लिया है की 36 दिनों में 1008 किलोमीटर की पदयात्रा कर वे आचार्य श्री का दर्शन करेंगे यह संकल्प कल पूरा होने जा रहा है । कल आचार्य श्री कुल रत्न भूषण जी अपने हजारों अनुयायियों के साथ आचार्य श्री विद्यासागर जी के प्रत्यक्ष दर्शन करेंगे । उन्होंने बताया कि महाराज जी ने यह व्रत लिया हुआ है कि जब तक आचार्य श्री के दर्शन नहीं करेंगे तब तक वह गेहूं, चावल इत्यादि वस्तुओं को ग्रहण नहीं करेंगे। उनके साथ ही सभी अनुयायियों ने भी गन्ना बेर और अन्य फलों का दर्शन होने तक त्याग रखा है ।

आचार्य श्री के साथ सभी अनुयाई कल हंडिया बाईपास स्थिति लेगा मैरिज गार्डन से सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर तक एक जुलूस के रूप में नेमावर में प्रवेश करेंगे, जिसमें सभी दर्शनार्थियों के हाथ में अनेक प्रकार के वाद्य यंत्र जैसे लेझीम, ढोलक और झांझ - मजीरे, दिव्य घोष इत्यादि होंगे । कर्नाटक से पधारे सभी श्रद्धालु 10,000 से अधिक श्रीफल लेकर  अपने साथ आए हैं, जो यह आचार्य श्री विद्यासागर जी को भेंट करेंगे, इसके साथ ही भद्रगिरी पर्वत पर निर्मित एक विशाल मान स्तंभ की  प्रतिकृति भी आचार्य श्री को भेंट की जाएगी। सभी श्रृद्धालु एक जुलूस के रूप में आचार्य श्री के दर्शन करेंगे और नेमावर में आकर आचार्य श्री की प्रदक्षिणा करेंगे ।

हरदा जैन समाज के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन ने बताया कि मुनि भक्तों के आने का सिलसिला आज 22 तारीख शाम 5:00 बजे से शुरू हो जाएगा जिन्हें हरदा के विभिन्न स्थानों पर ठहराया जाएगा । सभी यात्री 23 जनवरी को प्रातः 7-30 बजे  कुलभूषण जी महाराज के साथ नेमावर में मंगल प्रवेश करेंगे। उन्होंने बताया कि इस  ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने के लिए लगभग 38 बस और 60 छोटे वाहनों में श्रद्धालु कर्नाटक से नेमावर तक की यात्रा कर यहां पहुंच रहे हैं।

● भद्रागिरी तीर्थ एक परिचय -

आचार्य कुल रत्न भूषण जी महाराज  ने संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज को अपना श्रद्धा गुरु मानते हुए स्वयं को एकलव्य की भांति बताया। आचार्य कुल रतन भूषण जी महाराज ने कर्नाटक के भद्रगिरी में अनेक स्थानों की खोज कर उन्हें विश्व पटल पर अंकित किया है । आचार्य श्री के कर कमलों के द्वारा जमीन में गहरी गड़ी हुई आदि वीर भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई जिसमें आधा शरीर आदिनाथ भगवान का और आधा शरीर महावीर भगवान का निकला है। भद्रगिरी तीर्थ के पास ही गुफाओं में 16 सौ वर्ष पूर्व आचार्य भद्रबाहु के साथ 700 से अधिक मुनि महाराज के चातुर्मास के प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं।

🏳️‍🌈🏳️‍🌈 *गुरु वंदना से तीर्थ वंदना* 🏳️‍🌈🏳️‍🌈 

🚩🚩 *इस युग के सर्वश्रेष्ठ आचार्य, महावीर भगवान के लघु नंदन, गौशाला प्रवर्तक, हथकरघा को पुनर्जीवन देने वाले, अहिंसा समर्थक ,तीर्थ प्रनेता, कुंदकुंद के कुंदन , सप्तम गुणस्थान वर्ती, अरिहंत स्वरूपी, जगत श्रेष्ठ, बाल ब्रह्मचारी, युग प्रनेता, अनियत विहारी संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज* के चरण शरण की ओर आचार्य कुलरत्नभूषण मुनि महाराज के बढ़ते कदम 👣👣👣


💧💦 *कृष्णा तट से रेवा तट की ओर....,*💧💦


🌑 *दक्षिण से उत्तर की ओर....,*☀️


🛕🛕 *श्री अतिशय क्षेत्र भद्रगिरी से सिद्ध क्षेत्र नेमावर की ओर...* 🛕🛕


*चारित्र चक्रवर्ती प्रथम आचार्य श्री 108 परम पूज्य शांति सागरजी महाराज* के दीक्षा शताब्दी महोत्सव पर उन्हीं के दीक्षा स्थली पर बनी 108 पिंछी कमंडल समर्पित कर आप आचार्य श्री का अद्भुत दर्शन करने वाले हैं।


 1920 में दीक्षा लेकर इस युग के दिगंबर मुनि परंपरा का जीर्णोद्धार करने वाले *चरित्र चक्रवर्ती प्रथम आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज* बीसवीं सदी के महान आचार्य ठीक उसी तरह  21वीं सदी में दिगम्बर मुनि परंपरा को उत्कृष्ट रखने वाले  _*संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज* होंगे। इतिहास इसकी साक्ष रहेगा भले हम रहे ना रहे ऐसा *आचार्य कुलरत्नभूषण जी महाराज* अपने प्रवचन में कहते हैं।


आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के 36 मूल गुण, आचार्य कुलरत्नाभूषण जी महाराज के 36 मूल गुण एवं 36 दिन में भद्रगिरी से नेमावर..


👉🏻🚩संयोग देखिए *36 + 36 + 36=108*


108 संयम उपकरण पिंछी व 108 शोच उपकरण कमंडल समर्पित करने का उत्साह मन में लिए....


1008 श्रीफल के साथ....

1008 ध्वज के साथ......

1008 कलश के साथ.... 

1008 कुमार कुमारी के साथ....

दक्षिण भारत के लगभग 3500 आचार्यभक्तों के साथ.... 

झांज पथक, लेझीम पथक, बैंड पथक के साथ..... 

अत्यंत अनुशासन में भव्य दिव्य डेढ़ किलोमीटर की *अहिंसा रैली* के साथ......

होगा नेमावर में पावन आगमन दिनांक *23 जनवरी 2021* को सुबह *8:00* बजे।


चलो चले हम बने इस इतिहास के साक्ष्य... *भूगर्भ से जैसे प्रतिमा निकली तो गुरुदेव ने सबको दर्शन देकर चौंका दिया, हो सकता है इस मिलन से भी पूरा भारत चौंक जाए।*

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