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जितने वोट विधान सभा में मिले BJP को, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिंगरौली में उतने भी नहीं मिले

जितने वोट विधान सभा में मिले BJP को, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिंगरौली में उतने भी नहीं मिले

हरदा नगरपालिका भाजपा जीत कर भी वोटो में कांग्रेस से पीछे रह गई

भोपाल : जबलपुर, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और सिंगरौली में महापौर की सीटें गवां चुकी बीजेपी इन शहरों में उतने वोट भी नहीं जुटा सकी जितने चार साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में मिले थे जबकि इन सालों में मतदाता संख्या में लाखों की वृद्धि हुई है। हारे हुए महापौर वाले शहरों में तीन से चार विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और कल आए नगर निगम के चुनाव परिणामों से यह साफ हुआ है कि यहां बीजेपी का ग्राफ गिरा है। 

हरदा नगरपालिका भाजपा जीत कर भी वोटो में कांग्रेस से पीछे रह गई। हरदा नगर पालिका में कुल मतदाताओं की संख्या 63047, मतदान हुआ 44452 । भाजपा को 35  वार्ड में मिले मत 19220 , कांग्रेस पार्टी एवं अन्य को 25232 मत प्राप्त हुए।


सिंगरौली चार साल में 11 हजार वोट हो गए कम

ऊर्जाधानी के रूप में पहचाने जाने वाले सिंगरौली की स्थिति को देखने पर पता चलता है कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी को 36706 वोट मिले थे और इस चुनाव में भी आम आदमी पार्टी से लड़ी रानी अग्रवाल को 32167 मतों से संतोष करना पड़ा था। सिंगरौली मेयर के लिए हुए चुनाव में रानी अग्रवाल आम आदमी पार्टी को 34585 मिले और भाजपा को 25233 वोट मिल सके। यहां बीजेपी चार साल पहले मिले चुनाव से 11 हजार कम वोट हासिल कर सकी। 

बढ़े वोट भी नहीं दिला पाए जबलपुर में जीत

जबलपुर शहर के लिए हुए महापौर के क्षेत्र में जबलपुर कैंट, जबलपुर पश्चिम, जबलपुर पूर्व, जबलपुर उत्तर के अलावा बरगी और पनागर विधानसभा क्षेत्र के कुछ वार्ड आते हैं। इसमें पनागर और बरगी को छोड़ दें तो चार विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी को 2018 के चुनाव में 240111 वोट मिले थे जबकि कल घोषित हुए मेयर के चुनाव परिणाम में 248853 वोट मिले हैं। यहां बढ़े हुए वोट भी बीजेपी को जीत नहीं दिला पाए। जबलपुर पूर्व में कांग्रेस के लखन घनघोरिया, जबलपुर उत्तर में विनय सक्सेना, जबलपुर पश्चिम में तरुण भनोत विधायक हैं। सिर्फ जबलपुर कैंट में अशोक रोहाणी एमएल हैं।

ग्वालियर में बीजेपी के एमएलए फिर भी नुकसान

ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में ग्वालियर दक्षिण, ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व विधानसभा आते हैं। 2018 के विधानसभा और उसके बाद 2020 के उपचुनाव में बीजेपी को यहां 216790 वोट मिले थे। इसमें ग्वालियर दक्षिण से कांग्रेस के प्रवीण पाठक विधायक हैं जबकि ग्वालियर पूर्व और ग्वालियर से चुनाव जीते मुन्नालाल गोयल और प्रद्युम्न सिंह तोमर बीजेपी में शामिल हो गए थे। ग्वालियर दक्षिण में बीजेपी को 2018 में 56248 मत मिले थे और 2020 के उपचुनाव में ग्वालियर पूर्व व ग्वालियर से बीजेपी को 65985 व 94565 मत मिले थे। इसके बाद ग्वालियर महापौर के चुनाव में भाजपा को इन तीनों ही विधानसभा सीटों से 206349 वोट ही मिल सके जो पिछले चुनावों में मिले वोट से कम थे। 

छिंदवाड़ा में 29 हजार वोट घटे भाजपा के

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में भाजपा अब तक महापौर बनाने में कामयाब होती रही है लेकिन 2022 का चुनाव हार लेकर आया। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी 89487 मत हासिल कर सकी थी और मेयर के चुनाव में यह वोट घटकर 60577 पर पहुंच गए हैं। यहां बीजेपी को करीब 29 हजार वोट कम मिले हैं जबकि पिछले सालों में बीजेपी ने विधानसभा में कमबैक के लिए भी काफी ताकत लगाई है। 

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