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अब जमीन का नो ड्यूज प्रमाण पत्र लोकसेवा गारंटी के दायरे में

MP NO Dues Certificate : एमपी में अब जमीन का नो-ड्यूज प्रमाण पत्र भी लोक सेवा गारंटी में शामिल, एक दिन में करना होगा हर हाल में जारी

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल : अब मध्यप्रदेश में किसानों और आम लोगों को जमीन का नो-ड्यूज प्रमाण-पत्र (no-dues certificate) जारी करवाने के लिए तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। इस सेवा को भी अब लोक सेवा गारंटी में शामिल कर दिया गया है। साथ ही नो-ड्यूज जारी करने की समय सीमा भी तय कर दी गई है। अब हर हाल में एक ही दिन में यह प्रमाण पत्र तहसीलदारों को जारी करना होगा।


मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (MP Revenue Minister Govind Singh Rajput) ने इस संबंध में कहा कि राजस्व विभाग की भूमि का नो-ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी करने संबंधी सेवा को लोक सेवा गारंटी योजना में शामिल किया गया है। अब किसानों एवं आम जनता को एक दिन में भूमि का नो-डयूज प्रमाण-पत्र तहसीलदार द्वारा अनिवार्य रूप से जारी करना होगा। यदि तहसीलदार द्वारा नियत अवधि में भूमि का नो-ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जाता है तो इसकी प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील संबंधित जिला कलेक्टर को करना होगी। इसके बाद उन्हें नो-ड्यूज प्रमाण प्राप्त हो सकेगा।

इससे पूर्व इसी साल सितंबर माह में पर्यटन विभाग द्वारा फिल्म-मेकर्स को दी जाने वाली शूटिंग परमिशन को भी लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2010 में शामिल किया गया था। इसके तहत संबंधित जिला कलेक्टरों को 15 दिन की निश्चित समय-सीमा में फिल्म शूटिंग परमिशन जारी करना होता है। मध्यप्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य और मनोहारी दृश्यों से फिल्म निर्माताओं के लिए पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। इसी के चलते फिल्म निर्माताओं को समय-सीमा एवं सरलता से फिल्म शूटिंग की परमिशन मिल सके, इसलिए इस परमिशन को लोक सेवा गारंटी में लाया गया है।

उल्लेखनीय है कि जनता को बिना लिए-दिए समय पर बिना किसी असुविधा के लोक-सेवाएँ प्रदान करने वर्ष 2010 में सुशासन के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल करते हुए लोक सेवा गारंटी कानून को मध्यप्रदेश में लागू किया गया था। प्रदेश में इस कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और आधुनिक तकनीकी के भरपूर उपयोग से कम से कम समय में सुगमता के साथ जनता को लोक-सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। सीएम जन-सेवा योजना से जनता को उनके मोबाइल फोन पर ही खसरे की नकल जैसी सुविधाएँ तथा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत कुछ सेवाओं के लिये डीम्ड सेवा प्रदाय का प्रावधान क्रांतिकारी कदम हैं।

वर्तमान में लोक सेवा गारंटी कानून में जनता को कुल 560 सेवाएँ सफलतापूर्वक दी जा रही हैं। इस कानून की एक विशेषता यह है कि समय-सीमा में आवेदन का निराकरण न करने पर जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध अर्थ-दण्ड का प्रावधान है। राजस्व प्रशासन में लोकोन्मुखी सेवाओं की संख्या अधिक होने से यह विभाग नवाचारों का केन्द्र-बिन्दु रहा है। इन नवाचारों की प्रमुख विशेषताएँ हैं जनता के हित में कानूनों, नियमों एवं प्रक्रियाओं में संशोधन एवं उनका सरलीकरण, आधुनिक तकनीकी का प्रभावी प्रयोग, लैण्ड रिकार्ड मॉर्डनाइजेशन जैसे कार्यक्रमों से अभिलेखों का डिजिटाइजेशन और कॉल-सेंटर, मोबाइल जैसे सेवा प्रदाय के नये साधनों का प्रयोग।

भू-अभिलेखों की डिजिटल उपलब्धता (MP NO Dues Certificate )

जनता के लिये भू-अभिलेखों की डिजिटल उपलब्धता बड़ी सफलता है। जनता को घर बैठे ऑनलाइन आवेदन, लोक सेवा केन्द्र/एमपी ऑनलाइन कियोस्क से आवेदन, तहसील कार्यालय के आईटी सेंटर में आवेदन एवं सीएम हेल्पलाइन कॉल-सेंटर 181 पर कॉल करने पर भू-अभिलेखों की डिजिटल उपलब्धता हो जाती है। अगस्त-2018 से अब तक प्रदेश में 3 करोड़ 51 लाख से अधिक भू-अभिलेखों की प्रतियाँ जनता को ऑनलाइन प्रदान की गई हैं। पहले पाँच दिवस में राजस्व अभिलेख जनता को मिलते थे, अब रियल टाइम उपलब्धता हो गई है।

डायवर्सन पूरी तरह ऑनलाइन (MP NO Dues Certificate )

भूमि का डायवर्सन भी पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। इसके लिये जनता को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर डायवर्सन राशि का ऑनलाइन भुगतान करना होता है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा 15 दिन में ऑनलाइन पुष्टि कर डायवर्सन किया जाता है। पिछले 3 वर्ष में प्रदेश में एक लाख 37 हजार से अधिक डायवर्सन के प्रकरणों का ऑनलाइन निराकरण किया गया।

ऑनलाइन भूमि बंधक प्रक्रिया (MP NO Dues Certificate )

प्रदेश में अब भूमि बंधक की प्रक्रिया को भी पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। किसान को ऋण लेने के लिये बैंक में ऑनलाइन आवेदन करना होता है, बैंक द्वारा पोर्टल से भूमि के ब्यौरे का एवं आधार डेटा से किसान का सत्यापन किया जाता है, बैंक द्वारा बंधक आवेदन पोर्टल पर ऑनलाइन प्रेषित किया जाता है, इसका सत्यापन पोर्टल पर ही पटवारी द्वारा किया जाता है एवं तहसीलदार द्वारा ऑनलाइन स्वीकृति दी जाती है। विगत ढाई वर्ष में प्रदेश में 4 लाख 98 हजार से अधिक आवेदन निराकृत किये जा चुके हैं। पहले इसके लिये कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं थी, अब इन आवेदनों का निराकरण 3 दिन में हो जाता है।

भूमि क्रय-विक्रय के लिये पोर्टल इंटीग्रेशन

जनता की सुविधा के लिये प्रदेश में भूमि क्रय-विक्रय (रजिस्ट्री) को भी भू-अभिलेख पोर्टल के इंटीग्रेशन से सरल बनाया गया है। सम्पदा पोर्टल और रेवेन्यू केस मैनेजमेंट पोर्टल (आरसीएमएस) को इंटीग्रेट किया गया है। जनता को रजिस्ट्री के समय भूमि का सत्यापन किये जाने की सुविधा दी गई है एवं उसी समय नामांतरण के लिये प्रकरण दर्ज कर लिया जाता है। सम्पदा पोर्टल पर रजिस्ट्री होते ही रेवेन्यू केस मैनेजमेंट पोर्टल पर नामांतरण स्वत: दर्ज हो जाता है एवं पेशी की तारीख भी तय हो जाती है। विगत 3 वर्ष में प्रदेश में 6 लाख 20 हजार से ज्यादा प्रकरण निराकृत किये गये हैं। भविष्य में सायबर तहसील के माध्यम से रजिस्ट्री के नामांतरण किये जाने की योजना है।

सीएम जन-सेवा में 5 सेवाएं

प्रदेश में 26 दिसम्बर, 2020 से एक अभिनव योजना सीएम जनसेवा चालू की गई, जिसके द्वारा जनता को उनके मोबाइल फोन पर ही 5 सेवाएँ खसरा नकल, खतौनी, नक्शा, आय प्रमाण-पत्र तथा स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र प्रदान की जा रही हैं। इसके लिये टोल-फ्री नम्बर-181 पर मोबाइल कॉल करना होता है। मोबाइल पर ही सेवाएँ प्राप्त हो जाती हैं। प्रदेश में अब तक 66 हजार से अधिक व्यक्तियों को मोबाइल पर ये सेवाएँ प्रदान की गई हैं।

गजब की है डीम्ड सेवा प्रदाय

मध्यप्रदेश में लोक-सेवाओं के प्रदाय में अनावश्यक विलंब को समाप्त करने के लिये डीम्ड सेवा प्रदाय एक क्रांतिकारी कदम है। इसमें लोक सेवा गारंटी कानून में प्राप्त आवेदन पर यदि प्राधिकृत अधिकारी नियत समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करता है, तो इसके बाद वह सेवा सिस्टम से ऑटो जनरेट होकर नागरिक को प्राप्त हो जाती हैं। वर्तमान में मोबाइल टॉवर लगाने की अनुमति, निवेशकों को लेटर ऑफ इण्डेंट जारी करना, डायवर्सन की सूचना आदि 19 लोक-सेवाओं को इस व्यवस्था से जोड़ा गया है। प्रदेश में अब तक 13 हजार से अधिक आवेदनों पर डीम्ड सेवाएँ प्रदाय की जा चुकी हैं।

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