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देश के मुखिया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूछा किसान से ...

प्रदेश के पटवारियों के लिए गौरवान्वित करने वाला अवसर आज तब आया जब देश के मुखिया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूछा किसान से ...

आपको किसने बताया कि आबादी के भू-अधिकार पत्र बन रहे है तो उसने जबाव दिया पटवारी ने...

फिर पूछा आपको पटवारी की कार्यवाही पर भरोसा है, तो किसान ने कहा हां है, पटवारी ने ही चूना डालकर हमें सीमाएं बताई...

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल/हरदा : आज प्रदेश के पटवारियों को गौरवान्वित करने वाला क्षण तब उपस्थित हुआ जब स्वामित्व योजना के अधिकार अभिलेख वितरण के वर्चुअल संवाद में देश के मुखिया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसान से पूछा आपको किसने बताया कि आबादी के भू-अधिकार पत्र बन रहे है तो उसने जबाव दिया पटवारी ने...।

फिर पूछा आपको पटवारी की कार्यवाही पर भरोसा है, तो किसान ने कहा हां है, पटवारी ने ही चूना डालकर हमें सीमाएं बताई। यह अवसर आबादी भूमि सर्वे कार्य में लगे सभी पटवारियों को गौरवान्वित करने वाला रहा। क्योंकि शासन-प्रशासन ओर नेतागण इसके लिए मूल रूप से महत्वपूर्ण पटवारी को भूलकर अपने यशोगान में लगे हुए थे।

स्वामित्व योजना के तहत आबादी सर्वे कार्य में पटवारी की क्या थी भूमिका ?इस संबंध में पटवारी संघ के प्रदेश संवाद समिति के अध्यक्ष राजीव जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि -


  1. ■ पटवारी के द्वारा सर्वप्रथम ग्राम की आबादी भूमि का सीमांकन कर भूमि चिन्हित की गई। 
  2. ■ पटवारी के द्वारा ग्राम में आबादी भूमि का नजरी नक्शा तैयार किया गया। 
  3. ■ पटवारी द्वारा नजरी नक्शा का मौका मिलान कर आबादी में स्थित प्रत्येक घर, प्लाट, रिक्त भूमि, रास्ते, शासकीय भवन आदि का सीमांकन कर किसके कब्जे में कितनी भूमि है सुनिश्चित किया गया। 
  4. मौके पर कब्जा संबंधित आपसी विवाद को ग्रामीणों के मध्य कुशलता से समाप्त किया।
  5. ■ पटवारी द्वारा प्रत्येक घर की चतुर सीमा लिखने से लेकर भूमि धारक की सम्रग आईडी, आधार कार्ड एकत्रित किए जा कर सर्वे रजिस्ट्रर में संधारित किए।
  6. ■ पटवारी ने ग्राम के नौकरी पेशा ओर ग्राम से बाहर रहने वाले भूमि धारक जो ग्राम में उपस्थित नहीं थे उनसे मोबाइल, सोशलमीडिया तथा विभिन्न माध्यमों से उनके समग्र आईडी और आधार कार्ड एकत्रित किए।
  7. ■ पटवारी द्वारा आबादी भूमि में किए गए सर्वे का रकवा मिलान आबादी भूमि के दर्ज रकवा से किया गया जिसमें मौके पर अनेकों बार जाकर सत्यापन किया गया।
  8. ■ पटवारी ने हवाई सर्वे हेतु ड्रोन उपलब्धता होने पर ग्राम में चुना लाइन पंचायत के सहयोग से आगे खड़े रहकर डलवाई और प्रत्येक घर प्लाट की सीमा सुनिश्चित की गई।
  9. ■ बारिश की वजह से अनेकों स्थान पर चूना लाइन बह गई जिसे फिर से पटवारी ने डलवाया।
  10. ■ ड्रोन फ्लाई सर्वे के लिए आए भारतीय सर्वेक्षण विभाग के दल को साथ लेकर ग्राम पहुंचे और सर्वे कंप्लीट करवाया।
  11. ■ जिला कार्यालय से सूचना मिलने पर पटवारी जिला कार्यालय गये और अपने ग्राम की आबादी भूमि का हवाई सर्वे नक्शा प्राप्त किया।
  12. ■ ड्रोन सर्वे की नक्शा शीट आने पर मौका सत्यापन कार्य किया। ओर शीट पर आवश्यक दुरूस्ती इंद्राज की।
  13. ■ पटवारी ने दुरुस्त किए गए नक्शे पर तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक के हस्ताक्षर करवायें।
  14. ■ पटवारीगण दुरूस्तीकरण के लिए नक्शा शीट लेकर जबलपुर स्थित भारतीय सर्वेक्षण विभाग गये, वहां जबलपुर में तीन चार दिन रूककर नक्शा दुरूस्तीकरण दर्ज करवाया।
  15. ■ कुछ समय बाद प्राप्त हुआ नक्शा का मिलान किया जो पूर्णताः दुरूस्तीकरण होकर नहीं आया था फिर से जबलपुर गए/अन्य पटवारी जो वहां उपस्थित थे के द्वारा नक्शा दुरूस्तीकरण करवाया। 
  16. ■ जिला कार्यालय से सूचना मिलने पर जिला भू अभिलेख कार्यालय पहुंचकर अपने ग्राम की आबादी भूमि का दुरुस्त हो कर आया हवाई सर्वे का नक्शा प्राप्त किया।
  17. ■ पटवारी ने फिर आर ओ आर एंट्री प्रत्येक प्लाट की अपने मोबाइल एप पर दर्ज की। 
  18. ■ पटवारी द्वारा ग्राम में उक्त जानकारी देकर लोगों को सूचना दी गई। 
  19. ■ पटवारी द्वारा तहसील कार्यालय में बैठकर अपने ग्राम के आबादी भूमि के प्रकरण विधिवत तैयार करवाए गए।
  20. ■ पटवारी ने तहसीलदार न्यायालय से आबादी भूमि का अधिकार अभिलेख कंप्लीट होने के बाद अपने ग्राम के लोगों को सूचना दी और उनके घर घर जाकर अधिकार अभिलेख की प्रति पर उनके हस्ताक्षर अंकित करवाए।
  21. ■ पटवारी ने अपने प्रभार के ग्राम के आबादी भूमि संबंधित आपत्तियों पर तहसील में आगे रहकर समय सीमा में निराकरण दर्ज करवाया।
  22. ■ इस समस्त कार्य को पटवारी द्वारा लगातार 4-5 माह से किया जा रहा है।
  23. विशेष : इस कार्य में पटवारी को तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एस एल आर, आर. आई. का मार्गदर्शन, कोटवार का सहयोग प्राप्त हुआ।

◆ क्या कहते है कर्मचारी नेता इस संबंध में -

हमें गर्व है आज स्वामित्व योजना के अधिकार अभिलेख वितरण कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा तीन लाभार्थियों से चर्चा के दौरान कुछ ऐसा घटित हुआ कि गर्व महसूस होने लगा कि में हम राजस्व विभाग का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इस कार्य को सम्पादित करने वाले सभी साथियों को बधाई, और कार्य को रेखांकित करने के लिए किसान को आभार...। उपेन्द्र सिंह बाघेल, प्रांताध्यक्ष मध्यप्रदेश पटवारी संघ

◆ क्या कहा लाभार्थियों ने -

डिंडोरी जिले के लाभार्थी श्री प्रेम सिंह से चर्चा में उन्होंने बताया कि आबादी सर्वे की सूचना उन्हें सबसे पहले पटवारी से मिली, पटवारी ने चूना डालकर उन्हें सीमाएं समझाई । तब माननीय प्रधानमंत्री जी ने उससे पूंछा की आपको पटवारी की कार्यवाही पर भरोसा है, प्रेमसिंह ने जवाब दिया हाँ है । 

माननीय प्रधानमंत्री जी से चर्चा के दौरान हरदा जिले के हंडिया के लाभार्थी पवनकुमार ने बताया कि जब उसे पता चला कि आबादी भूमि के पट्टे बन रहे हैं तो वह तहसीलदार मैडम के पास गया और उसका भी अधिकार पत्र (पट्टा) उसे मिल गया, जिस पर उसने बैंक से लोन लेकर अपने व्यवसाय का उन्नयन किया और आज वो दुगना लाभ पा रहा है । 

आज भी गांव का व्यक्ति पटवारी / तहसीलदार पर अटूट विश्वास करता है । ये विश्वास वर्षों की मेहनत से / वर्षों से कायम है। राजस्व अमले ने सदैव गरीब व्यक्ति / किसान के हित मे काम किया है । उन्होंने कहा कि मेरा अपने पटवारी साथियों और तहसीलदार साथियों से अनुरोध है कि इस विश्वास को बनाये रखें । हमारे विभाग के पूर्ववर्ती साथियों की अटूट मेहनत का परिणाम है, ये । बाधाएं कई आती हैं, हतोत्साहित भी कई बार होते हैं हम , लेकिन फिर उस पवनकुमार और प्रेमसिंह का चेहरा सामने आ जाता है तो दुगना उत्साह आ जाता है मन में । मुझे गर्व है कि में इस विभाग का हिस्सा हूँ ।

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