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बागियों ने छीना उम्मीदवारों का चैन, महिला नेत्री का आरोप-टिकट न मिला तो करेंगे डिमांड का खुलासा

बागियों ने छीना उम्मीदवारों का चैन, महिला नेत्री का आरोप-टिकट न मिला तो करेंगे डिमांड का खुलासा

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : कांग्रेस और बीजेपी में पार्षद पद के लिए टिकट पाने वालों के विरुद्ध नामांकन भरने वालों ने घोषित उम्मीदवारों का चैन छीन रखा है। वोट कटने से बनने वाले हार के हालातों को देखते हुए ये उम्मीदवार अब पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ खुद भी परिचितों, रिश्तेदारों के जरिये बागियों की मनुहार में जुटे हैं। इधर टिकट से वंचित नेताओं का जिला अध्यक्षों व संभागीय समितियों के विरुद्ध शब्दबाण छोड़ने का सिलसिला जारी है। ये इस उम्मीदवार में अभी हार मानने को तैयार नहीं हैं कि संभव है पार्टी 22 जून तक टिकट बदल दे।

बैतूल नगर पालिका के पार्षद पदों के लिए कांग्रेस ने भी अब तक किसी वार्ड से अधिकृत प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। हालत यह है कि कांग्रेस के भीतर ही दो गुट अपने लोगों को टिकट दिलाने के लिए जोर लगा रहे हैं। इस टकराव का समाधान करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के दरबार में दोनों गुटों के नेता पहुंचने वाले हैं। दूसरी ओर भाजपा ने नगर पालिका बैतूल के 33 वार्डों में से पार्षद पद के लिए भाजपा ने 12 वार्ड में अब तक प्रत्याशी का चयन नहीं किया है। इन सभी वार्डों में भाजपा के बड़े नेताओं के द्वारा अपने चहेते को टिकट देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यही कारण है कि भाजपा संगठन अब तक किसी एक नाम पर सहमति नहीं बना पाया है। अब तक सहमति न बन पाने के कारण सभी संभावित दावेदारों के द्वारा नामांकन पत्र जमा कर दिए हैं। इसी तरह नव गठित नगर परिषद शाहपुर के 15 वार्ड में पार्षद पद के लिए भाजपा ने प्रत्याशी तो घोषित कर दिए गए हैं लेकिन यहां पर दूसरे वार्ड में रहले वालों को टिकट देने का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा के करीब 40 कार्यकर्ताओं ने इससे नाराज होकर अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। 

टिकट न मिला तो जिला अध्यक्ष की डिमांड का खुलासा

अशोकनगर नगर पंचायत में महिला मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष रचना नायक वार्ड नंबर 1 से पार्षद पद के लिए टिकट की दावेदारी की है। वहां से उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली। दूसरी कार्यकर्ता सुषमा शर्मा वार्ड नंबर 9 से टिकट मांग रही थी । वहीं वार्ड नंबर 17 से दावेदारी कर रही महिला को भी टिकट नहीं मिला। उन्होंने पार्षद पद के लिए सूची में नाम देने के लिए जिला अध्यक्ष अशोकनगर पर डिमांड रखने की बात कही है। साथ ही कहा कि डिमांड पूरी करने के बाद भी उनके नाम काट दिए गए । अगर सुनवाई नहीं होती है तो वह कुछ दिनों में क्या डिमांड रखी गई थी, उसका खुलासा करेंगी। बताया गया कि यह मामला प्रदेश संगठन तक पहुंचा है। 

संगठन की गाइडलाइन को अनदेखा कर पदाधिकारियों ने पत्नियों के नाम लिए टिकट

हरदा जिले में भाजपा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने टिकट वितरण में किसी भी पदाधिकारी के रिश्तेदारों को टिकट नहीं देने की गाइडलाइन को अनदेखा कर पदाधिकारियों की पत्नियों को पार्षद का टिकट दिया है । जिसमें हरदा में भाजपा जिलाध्यक्ष की पत्नी, जिला महामंत्री, नगर मंडल अध्यक्ष की पत्नी, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष, आईटी सेल के जिला प्रभारी सहित अन्य पदाधिकारियों को टिकट दी है। 

बड़े शहरों में ज्यादा विरोध

टिकट को लेकर बगावत का यह जोर बडे नगर निगमों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में ज्यादा है। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय और ग्वालियर में नरेंद्र सिंह तोमर के सामने प्रदर्शन भाजपा के लोग कर चुके हैं। भोपाल में भी यही स्थिति है। कांग्रेस की युवा टीम भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में टिकट न मिलने के विरोध में प्रदर्शन भी कर चुकी है। इसी तरह छिंदवाड़ा नगर निगम चुनाव में टिकट वितरण का असंतोष अभी भी जारी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में टिकट न मिलने से नाराज कार्यकर्ता खुलेआम निर्दलीय चुनाव लड़ने का दावा कर बगावत पर उतर आए हैं। 

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