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राधास्वामी (राजाबरारी) संस्था को लाखों रूपयों का भरना पड़ेगा सम्पत्ति कर, संस्था की अपील खारिज

राधास्वामी (राजाबरारी) संस्था को लाखों रूपयों का भरना पड़ेगा सम्पत्ति कर, संस्था की अपील खारिज

प्रथम व्यवहार न्यायालय का निर्णय....


लोकमतचक्र.कॉम।

टिमरनी : प्रथम व्यवहार न्यायालय ने महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए राजाबरारी स्टेट, राधास्वामी संस्था की अपील खारिज कर नगर परिषद को  वर्ष १९९७-९८ से वर्ष २०१५-१६ तक की संपत्ति कर एवं अन्य करो की राशि लगभग १७५०४६२/- रुपये जमा करने का आदेश पारित किया है। न्यायालय के इस फैसले पर नगर वासियों ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि इससे नगर के विकास में गति आएगी।

गौरतलब है कि नगरपरिषद टिमरनी द्वारा राजाबरारी स्टेट टिमरनी को उनकी सम्पत्तियो के सम्बन्ध में तथा अन्य देय निकाय करो के भुगतान में मांगपत्र जारी किये थे । जिसमे राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा स्वयं को धर्मार्थ एवं चेरिटेवल कार्य करने के उद्देश्य बताते हुए नगरपरिषद द्वारा जारी मांग पत्र के विरुद्ध प्रथम व्यबहार न्यायालय वर्ग -१ हरदा के न्यायालय में नगरपरिषद के विरुद्ध अपील प्रस्तुत की थी । जिसका प्रकरण क्रमांक एम सी ऐ /५००००/२०११ एवं एम सी ऐ /५००००१/२०१२ था । जिसमे न्यायलय द्वारा पारित आदेश १२/८/२१ में राधास्वामी सत्संग सभा करोपित सम्पत्ति धार्मिक एवं चेरिटेवल कार्य में उपयोग करती है को सिद्ध करने में असफल रही है ।

उक्त प्रकरण की जानकारी देते हुए राधास्वामी सत्संग सभा के विरुद्ध नगर परिषद् का पक्ष समर्थन वरिष्ठ अधिवक्ता संजय उपाध्याय ने अपना तर्क न्यायालय में रखा की संस्था द्वारा शासन से धर्मार्थ के नाम पर लीज पर ली गई भूमि जंगल डिपो को किराए से दी गई , उनकी भूमि पर शो रूम दूकान संचालित की जा रही है । जिनसे किराया की राशि संस्था को प्राप्त हो रही है । वही वार्ड नम्वर १मे स्थित भूमि वन विभाग को किराए से दी उसमे क्वाटर, शाप दूकान एवं हॉस्टल वार्ड क्र. २मे शोरूम, कार्यालय, गैरेज, मैनेजर निवास, एडवाइजर हाउस, स्टाफ क्वाटर्स, बोरेलसन ट्रेनिंग सेंटर, कुली शेड, मेस चौकीदार क्वाटर एवं वार्ड ३ में पुराना बोर्डिंग स्थित है । वार्ड क्र ५ में स्टाफ क्वाटर्स बने हुए है जिन पर व्यबसायिक उपयोग करने के बाबजूद संस्था सम्पती कर की छूट चाहती है, लेकिन संस्था न्यायलय में ऐसे कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई की सम्पत्तियो से प्राप्त आय धार्मिक एवं चेरिटेबिल कार्य हेतु उपयोग की जाती है । इसलिए न्यायलय ने संथा द्वारा नगर परिषद् के विरुद्ध लगाईं गई अपील को खारिज कर नगर परिषद् के पक्ष ने निर्णय सुनाया ।  नगर परिषद् को  वर्ष १९९७-९८ से वर्ष २०१५-१६ तक की राशि लगभग १७५०४६२/- रुपये वसूली योग्य है इसे  राधास्वामी संस्था  को कर के रूप में देना पड़ेगा ।

न्यायालय के इस निर्णय पर नगरवासियों ने खुशी का इजहार किया ओर परिषद की ओर से शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय उपाध्याय द्वारा पैरवी करने, अपने अकाट्य ओर प्रमाणित तथ्यों को न्यायालय में रखने पर उन्हें बधाइयाँ देते हुए आभार व्यक्त किया। 👉🏻संजय अग्रवाल की विशेष रिपोर्ट🖋️

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