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पहले ग्रामीण विकास अभिकरण किया बंद, जिला पंचायत में मर्ज की सेवाएं और स्टाफ, अब आदेश निरस्त

पहले ग्रामीण विकास अभिकरण किया बंद, जिला पंचायत में मर्ज की सेवाएं और स्टाफ, अब आदेश निरस्त

भोपाल : जिलों में ग्रामीण विकास के लिए काम करने वाले जिला ग्रामीण विकास अभिकरण बंद कर दिया गया है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं और कहा है कि जो सेवाएं इस अभिकरण के माध्यम से दी जा रही थीं, वह अब जिला पंचायत में मर्ज हो जाएंगी। इस अभिकरण के स्टाफ को भी जिला पंचायत के अधीन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके कुछ ही घंटे बाद यह आदेश निरस्त कर दिया गया

राज्य शासन द्वारा 26 मई को जारी एक आदेश में कहा गया कि डीआरडीए का समस्त अमला (स्थायी, संविदा, प्रतिनियुक्ति और कलेक्टर दर पर काम करने वाले) मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (भर्ती तथा सेवा की सामान्य शर्ते) नियम 1999 के तहत जिला पंचायत द्वारा शासित होगा और अमले के वेतन, भत्तों आदि की व्यवस्था जिला पंचायत के मूल अमले की भांति संबंधित जिला पंचायत द्वारा की जाएगी। दो दिन पहले जारी आदेश में कहा गया है कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डिस्ट्रिक्ट रूरल डेवलपमेंट अथारिटी) द्वारा जो सेवाएं जिले में दी जा रही थीं, वे सभी जिला पंचायत के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाएंगी। इस आदेश को जारी रखने के कुछ घंटों बाद ग्रामीण विकास अभिकरण बंद करने के आदेश को निरस्त कर दिया गया।

गौरतलब है कि जिलों में काम करने वाले जिला शहरी विकास अभिकरण (डिस्ट्रिक्ट अर्बन डेवलपमेंट अथारिटी)द्वारा जिस तरह से शहरी निकायों की मानीटरिंग करने का काम किया जा रहा है, उसी तरह डीआरडीए द्वारा ग्रामीण निकायों से संबंधित सेवओं की मानीटरिंग और अन्य सेवाओं की जिम्मेदारी निभाई जा रही थी। 

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