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तहसीलदारों के तबादले पर....

तहसीलदारों के तबादले पर बदला राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला, PS रेवेन्यू की चिट्ठी के बाद

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : पंचायत चुनाव के मद्देनजर तीन साल या अधिक समय से एक जिले में पदस्थ तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के तबादले किए जाने का विवाद खत्म हो गया है। इस मामले में प्रमुख सचिव राजस्व के पत्र के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने फैसले पर पुनर्विचार के बाद राज्य शासन को  निर्देश दिए हैं कि तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के स्थानांतरण ब्लाक से बाहर किए जाएं ताकि निर्वाचन संपन्न कराने में किसी तरह की दिक्कत न हो। 

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी की 11 नवम्बर को लिखी गई चिट्ठी के बाद 13 नवम्बर को तहसीलदारों के चुनाव को लेकर पुरानी व्यवस्था बहाल करने के आधार पर तबादले करने के निर्देश दिए हैं। आयोग की ओर से कहा गया है कि प्रमुख सचिव राजस्व के प्रस्ताव के बाद आयोग ने यह तय किया है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों और जनपद पंचायतों के निर्वाचन के लिए रिटर्निंग और सहायक रिटर्निंग अधिकारी होते हैं। इसलिए इन अधिकारियों के संबंधित विकासखंड क्षेत्र में पदस्थापना की अवधि की गणना तीन साल के लिए आयोग द्वारा तय की गई समय सीमा के आधार पर करके उनकी पदस्थापना विकासखंड के बाहर अन्यत्र की जाए। 

गौरतलब है कि प्रमुख सचिव राजस्व ने कहा था कि अगर तीन साल की अवधि के आधार पर तबादले किए जाएंगे तो 40 प्रतिशत से अधिक (320 नायब तहसीलदार व तहसीलदार) तबादले करने होंगे। इससे स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था भी बिगड़ेगी। इसके बाद आयोग के अध्यक्ष ने इस फैसले पर बदलाव का निर्णय लिया है। उधर आयोग द्वारा पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग को दिए निर्देश में एसडीओपी, डीएसपी, टीआई के तबादले विकासखंड के बाहर करने के निर्देश दिए गए थे जिसके आधार पर जिलों में अंदरूनी स्तर पर तबादले डीआईजी और एसपी द्वारा किए जा रहे हैं।

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